दस मार्च को “भाजपा साफ” या “फिर महाराज” ?
- नारों में ही हार जीत तय करने की कोशिश
- सोशल मीडिया पर किये जा रहे हैं तीखे व्यंग्य
- तय जनता करेगी, किस दल को देगी नई दिशा व दशा
चुनावी शंखनाद होते ही राजनीतिक दलों ने तरकश से अपने अपनी तीर निकाल लिये हैं। रैली, पदयात्रा व सभा पर रोक है लिहाजा वर्चुअल माध्यम के हथियारों को धार दी जा रही है। चुनाव की घोषणा होते ही भाजपा व सपा आमने सामने आ गये हैं। भाजपा ने घोषणा की है कि दस मार्च की करो तैयारी आ रहे हैं भगवाधारी तो सपा ने नारा दिया है दस मार्च..भाजपा साफ। यह यह मतदाताओं पर निर्भर करता है कि वह किस नारे पर अपनी मोहर लगाकर यूपी के मुख्यमंत्री का सेहरा किस पार्टी के सिर बांधती है। इस बीच, सपा मुखिया ने सवाल खड़ा किया है कि वर्चुअल माध्यम पर भाजपा का कब्जा है, ऐसे में अन्य दल कैसे अपना प्रचार करेंगे। भाजपा जितना पैसा भी नहीं है।